बरनवाल पताका गीत
ये झंडा इतिहास हमारा, वर्तमान और भविष्य भी।।
इसके नीचे हम करते हैं, घोष बरन का आज अभी।
ये झंडा इतिहास हमारा, वर्तमान और भविष्य भी।।
केसरिया है इसका बाना, वीरता का प्रतीक भी।
ये झंडा इतिहास हमारा, वर्तमान और भविष्य भी।।
हम करते हैं सिंह सी गर्जन, और तुला है अभिन्न भी।
ये झंडा इतिहास हमारा, वर्तमान और भविष्य भी।।
राष्ट्र धर्म है प्रथम हमेशा, देता ये आदेश अभी।
ये झंडा इतिहास हमारा, वर्तमान और भविष्य भी।।
सूरज की हैं किरणें जैसे, कीर्ति हो चहुं ओर अभी।
ये झंडा इतिहास हमारा, वर्तमान और भविष्य भी।।
देता ये आशीष हमेशा, आगे बढ़ते रहो सभी।
ये झंडा इतिहास हमारा, वर्तमान और भविष्य भी।।
बरन बंधु को अपने नीचे, करता है ये एक अभी।
ये झंडा इतिहास हमारा, वर्तमान और भविष्य भी।।
हो कीर्ति अपनी उज्जवल जग में, प्रण लेते हैं आज सभी।
ये झंडा इतिहास हमारा, वर्तमान और भविष्य भी।।
(लेखक: अतुल कुमार बरनवाल)